बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में साइबर अपराध पर कड़ा शिकंजा कसते हुए इस साल 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इनमें से 10 पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि करीब दो करोड़ रुपये की ठगी को समय रहते रोक दिया गया, जो साइबर अपराधियों के खातों में जाने वाला था। इसके अलावा 288 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कर दिया गया, जिससे फर्जी कॉल्स और ट्रांजैक्शन रोके जा सके।
पुलिस कमिश्नर ने साइबर थाना और साइबर सेल की समीक्षा बैठक में ये अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 110 से अधिक फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल को हटाया गया है। साथ ही 48 से ज्यादा जागरूकता शिविर लगाकर करीब 5,000 लोगों को साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग दी गई है, ताकि आम लोग ऑनलाइन ठगी से बच सकें।
कमिश्नर अग्रवाल ने लंबित मामलों की जल्द से जल्द जांच के निर्देश भी दिए हैं। मोबाइल नंबर और सिम कार्ड के आधार पर जिन लोगों की भूमिका संदिग्ध पाई गई, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की गई है। कुछ मामलों में आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की गई है, ताकि अपराध से अर्जित आय पर रोक लगाई जा सके।
पुलिस अब जिलेवार हिस्ट्रीशीट खोलने की तैयारी में है, जिससे साइबर अपराधियों पर लगातार नजर रखी जा सके। साथ ही, सभी पुलिसकर्मियों को नई-नई साइबर ठगी की तकनीकों के बारे में विशेष प्रशिक्षण देने की योजना भी बनाई जा रही है, जिससे जांच और नियंत्रण में और तेजी लाई जा सके।